1985 और 1989 में दो बार सैदपुर विधान सभा के चुने गए थे विधायक
अपनी साफ छवि और मिलनसार व्यवहार के कारण थे काफी लोकप्रिय
रिपोर्ट-राकेश यादव रौशन
चन्दौली/वाराणसी राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले सैदपुर के पूर्व विधायक राजित प्रसाद यादव आज क्षेत्र के चंद्रावती घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गए। इनके निधन के साथ ही राजनीति के एक युग का अंत हो गया। मुखाग्नि उनके ज्येष्ठ पुत्र भारत भूषण यादव ने दी।
मालूम हो कि स्व. राजित प्रसाद यादव जी चंदौली जिले के सदर ब्लॉक के मसौनी गांव के मूल निवासी थे। वे कमर दर्द से काफी दिनों से पीड़ित चल रहे थे। उनका इलाज मकबूल आलम रोड स्थित शुभम हॉस्पिटल में चल रहा था। जिसमें कल रविवार की दोपहर में उन्होंने अंतिम सांस ली। 1985 और 1989 में दो बार विधायक रहने के बावजूद भी आज तक उनके पास न अपना घर है, न कोई गाड़ी और न ही कोई बैंक बैलेंस। सादगी और लोगों के दिलों में उनके प्रति सम्मान ही उनकी कमाई रही। साफ छवि, स्पष्टवादिता और मिलनसार छवि के कारण वे लोगों में काफी लोकप्रिय थे। उनके देहावसान से राजनीति के एक युग का अंत हो गया। आज चंद्रावती घाट पर हजारों लोगों ने उन्हें अपनी नम आंखों से विदाई दी।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व सांसद राम किशुन यादव, पूर्व सांसद प्रत्याशी शालिनी यादव, पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह, ब्लॉक प्रमुख सुभाष यादव, अजगरा विधायक कैलाश सोनकर, सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण यादव, एमएलसी विजय यादव, सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज सिंह काका, चंदौली सपा के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर, पूर्व डीआईजी बलिकरन सिंह यादव, चंदौली के ब्रांड अम्बेसडर राकेश यादव रौशन, हुकुमदेव यादव, डॉ. संजय यादव, समाजसेवी आरबी यादव, श्यामसुंदर मास्टर, युवा शक्ति संघ के अध्यक्ष सुनील यादव, सीओ कानपुर अशोक यादव, डॉ. धर्मराज यादव, डॉ. राजेश निषाद, राकेश यादव मन्नू, विनोद ज़िद्दी, कुंवर शमशेर सिंह, शिवेंद्र सिंह आदि लोग उपस्थित थे।
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