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Monday, January 18, 2021

आदिवासी किसानों ने दिल्ली किसान आंदोलन का किया समर्थन

 कहा-पूरे देश का किसान काला कानून वापस कराने के पक्ष में

रिपोर्ट-इन्द्रजीत भारती

चन्दौली नौगढ़ दिल्ली में अपनी सम्मान रूपी जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे किसानों के आंदोलन का हम आदिवासी किसान समर्थन करते हुए एकजुटता प्रदर्शित करते हैं क्यों कि यही लड़ाई नौगढ़ का आदिवासी किसान लंबे समय से लड़ रहा है। उक्त बातें नौगढ़ तहसील मुख्यालय पर अखिल भारतीय किसान महासभा, किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपने के दौरान हुई सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा (माले)  राज्य सचिव कामरेड सुधाकर यादव ने कही।अखिल भारतीय किसान महासभा जिला काउंसिल सदस्य कामरेड रामकृत कोल  ने कहा कि सरकार चाहे जितना भी भ्रम फैला ले पूरे देश का किसान तीनों काला कानून वापस कराने के पक्ष में है और आर पार की इस लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है।किसान नेता पतालू गोंड ने कहा कि नौगढ़ का आदिवासी अपनी जमीन बचाने की लड़ाई के साथ साथ अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई भी लंबे समय से लड़ रहा है क्यों कि पुस्तों से बसे तथा खेती करते आ रहे आदिवासियों को वनाधिकार कानून का लाभ केवल इसलिए नहीं मिल पा रहा है कि इन्हें आदिवासी का दर्जा ही नहीं है, मांग किया की नौगढ़ में रह रही सभी आदिवासी जातियों को आदिवासी का दर्जा देते हुए सभी आदिवासी वनवासी व अन्य परंपरागत वन निवासियों को वनाधिकार कानून के तहत साढ़े चार एकड़ ज़मीन का पट्टा दिया जाय।आदिवासी महिला नेत्री अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन(एपवा) जिलाध्क्ष मुन्नी देवी ने कहा कि नौगढ़ के बोझ ग्रामसभा अंतर्गत लहुरा डीह, सोना इत समेत तमाम गावों में पेयजापूर्ति नियमित नहीं है जिससे पेयजल का भारी संकट है पानी आने के इंतजार में लोगों का भोजन भी नहीं बन पाता, BLOकी लापरवाही की वजह से अभी भी बहुत सारे लोगों का नाम पंचायत चनाव के वोटरलिस्ट में शामिल नहीं हो पाया है, जयमोहनी पोस्ता के नौजवानों को खेल के मैदान से बेदखल किया जा रहा है, पुलिसिया उत्पीड़न इस कदर जारी है कि भैसोड़ा के पीड़ित किसान,जिसकी गेहूं की फसल कुछ अराजकतत्वों द्वारा जहरीली दवा छिड़ककर बर्बाद करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाय पीड़ित किसान को ही चकरघट्ठा थाने में प्रताड़ित किया जाता है।माले जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान,अनिल विश्वकर्मा,मोहम्मद ईशा, मोहम्मद इब्राहिम,नासिर,फिरोज, रहीमुद्दीन,रामप्यारे गोंड, कलावती देवी सहित सैकड़ों किसान शामिल रहे।





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