रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया-भा.कृ.अनु.प.-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शाहंशाहपुर में डॉ. अभिलक्ष लिखी, अतिरिक्त सचिव, कृषि एवं कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में कृषक-वैज्ञानिक संवाद आयोजित किया गया। संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कांति बेहेरा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा संस्थान में हो रही अनुसंधान गतिविधियों व तकनीकों के बारे में अवगत कराया। मुख्य अतिथि ने संस्थान के अनुसंधान प्रक्षेत्र का भ्रमण करते हुए किसानों से कृषि उत्पादन एवं विपणन से संबंधित विषयों पर चर्चा की तथा साथ ही मृदा की गुणवत्ता तथा टपक सिंचाई की महत्ता पर जोर दिया। तत्पश्चात् वैज्ञानिक से चर्चा की तथा अनुसंधान के कार्यों की सराहना की साथ ही इस परिचर्चा में भा.कृ.अनु.प. की बागवानी इकाई के सभी 22 संस्थान तथा भारत सरकार द्वारा पोषित 40 सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स (इण्डो इजराइल एवं इन्डोडच) के प्रतिनिधियों ने भी आनलाइन भाग लिया। डा. लिखी ने मुख्यतः मशरूम उत्पादन, चेरी टमाटर, बेबीकार्न एवं मधुमक्खी पालन पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया एवं संस्थान को इन क्षेत्रों में परियोजना बनाने की सलाह दी। इसके अलावा मुख्य अतिथि ने एग्रो-स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए संस्थानों से तकनीकी सहायता तथा किसान समूह (एफ.पी.ओ.) को मुख्य धारा में लाने का आह्वान किया। इसके साथ अतिरिक्त सचिव ने विभिन्न एग्रो-स्टार्ट अप को संस्थानों से तकनीकी मार्गदर्शन देने के लिए कहाँ जिससे किसान समूहों को संस्थानों द्वारा विकसित तकनीक तथा अनुसंधान उन तक पहुँचायी जा सके तथा मार्केटिंग चैनल से उन्हें जोड़ा जा सके। कुछ किसानों ने सब्जी उत्पादन से सम्बन्धित विषयों पर अपने अनुभव को भी साझा किये। चर्चा के दौरान संयुक्त सचिव कृषि एवं कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, श्री प्रिया रंजन,आयुक्त बागवानी, भारत सरकार डॉ. प्रभात कुमार एवं तरंनुम कादरभाई, लाइजन अधिकारी इन्डोडच सी.ओ.ई.एस. ने अपने विचार व्यक्त किये। इस कार्यक्रम में संस्थान के सभी वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।
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