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Friday, December 2, 2022

सेवा आंकड़ों की नहीं अपितु अनुभूति का विषय है- रीता पाण्डेय

निशुल्क चिकित्सा शिविर में कुल 344 मरीजों ने कराया रजिस्ट्रेशन

चन्दौली शहाबगंज सेमरा मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में आर के नेत्रालय महमूरगंज वाराणसी द्वारा प्रत्येक शुक्रवार को आयोजित निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर में अपना विचार व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ चकिया की अध्यक्ष सुश्री रीता पाण्डेय  ने कहा – सुसंस्कार-संपन्न सेवा-भावना और सर्वतोभावेन समर्पण भारतीय संस्कृति की अनुपम अभिव्यक्ति है। सेवा से अहंकार का क्षरण और अन्तःकरण में दिव्यता का प्रस्फुटन होता है! जगत् में सर्वत्र जगन्नाथ ही अभिव्यक्त है; अतः प्राणिमात्र के प्रति आदर का भाव रखें और सेवाव्रती बनें।  प्राणी मात्र के प्रति दया, उदारता और पारमार्थिक प्रवृत्तियाँ ही मानव जीवन की श्रेष्ठता को उजागर कर धन्यता की अनुभूति प्रदान करती हैं। सेवा साधन नहीं अपितु समस्त आध्यात्मिक साधनों की फलश्रुति है।परम लक्ष्य की प्राप्ति के निमित्त सेवा व्रत कल्याणकारी है। जीवन में संसार के प्रत्येक प्राणी के प्रति दया का भाव रखना चाहिए, क्योंकि दया क्षमा का मूल है। जिसके जीवन में दया का भाव नहीं है वह जीवन में कभी भी धर्म को धारण नहीं कर सकता। शिविर में अपना विचार व्यक्त करते हुए  रिंकू विश्वकर्मा ने कहा कि डा. आर. के. ओझा जी जैसी शख्सियत शताब्दियों में जन्म लेती हैं। संचालन  सुमंत कुमार मौर्य और आभार  सत्यानंद रस्तोगी ने किया। शिविर में प्रमुख रूप से डा.शहजाद, डा.अमरेश, पं.रामबोला तिवारी, अजय सिंह, राजेश सिंह, शन्नि चौहान, मिट्ठू बाबा, चन्द्रशेखर शाहनी, नरेन्द्र भूषण तिवारी, विरेन्द्र भूषण तिवारी, बचाऊ बनवासी, सतीश मौर्य, विपिन कुमार इत्यादि लोग सम्मिलित रहे।



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