रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान की ज़ोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई ने बुधवार को संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा भिण्डी की उत्कृष्ट प्रजातियों, संकर क़िस्मों और उन्नत पंक्तियों के प्रदर्शन और व्यवसायीकरण के लिए भिण्डी प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। कोरोना महामारी के रोकथाम को वरीयता देते हुए इस कार्यक्रम को एक विर्चुयल बैठक के माध्यम से मनाया गया।अपने स्वागत उद्बोधन मे संस्थान के निदेशक डॉ जगदीश सिंह ने संस्थान द्वारा विकसित भिण्डी की उन्नत प्रजातियों और संकरों के बारे मे बताते हुए संस्थान मे भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही इस किसान उपयोगी इकाई के माध्यम से किसानो के हित के लिए किए जाने वाले ऐसे कार्यों मे पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। ज़ोनल तकनीकी प्रबंधन इकाई के प्रभारी डॉ प्रभाकर मोहन सिंह द्वारा प्रतिभागियों को कार्यक्रम की उपयोगिता एवं रूपरेखा के बारे में जानकारी दी गयी। डॉ विद्या सागर ने अपने व्याख्यान मे संस्थान द्वारा विकसित भिण्डी की उन्नत प्रजातियों एवं संकरों के बारे मे विस्तृत वर्णन किया।
निजी क्षेत्र की 29 बीज कंपनियों जैसे अंकुर सीड्स, महिकों सीड्स,अड्वान्टा सीड्स, नूजीविदु सीड्स, नामधारी सीड्स,नन्हेम्स सीड्स,दिनकर सीड्स, सायाजी सीड्स,इंडो अमेरीकन हाइब्रिड सीड्स एवं अन्य के 40 से अधिक प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम मे ऑनलाइन हिस्सा लिया और संस्थान द्वारा विकसित भिण्डी की उन्नत क़िस्मों के बारे मे जानकारी प्राप्त की। डॉ प्रदीप करमाकर और डॉ अच्युत कुमार सिंह द्वारा संस्थान के शोध फार्म से सभी प्रतिभागियों के लिए उन्नत प्रजातियों एवं हाइब्रिड का ऑनलाइन प्रदर्शन और वर्णन किया गया।जिन बीज कंपनियों के शोध एवं मार्केटिंग हेतु कर्मचारी वाराणसी मे पदस्थ हैं, उनके 5 प्रतिभागीयों ने कार्यक्रम मे प्रत्यक्ष रूप से भाग लिया। इस दौरान सभी ने सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करते हुए एक जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय दिया। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन संस्थान की तकनीकी प्रबंधन इकाई के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ शैलेश कुमार तिवारी ने किया।
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