रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया- आराजी लाइन विकासखंड क्षेत्र के शाहंशाहपुर स्थित सब्जी अनुसंधान केंद्र पर सोमवार को उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के महानिदेशक डॉ संजय सिंह ने वित्त पोषित परियोजनाओं का निरीक्षण किया। इनके साथ में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ तुषार कांति बेहेरा एवं उपकार के उप महानिदेशक डॉक्टर संजीव कुमार ने भी टीम के साथ में अवलोकन किया। संचालित परियोजनाओं के तहत हो रहे शोध कार्यों की रूपरेखा एवं प्रगति का जायजा लिया। गंगा के किनारे रिवर बेड परियोजना के अंतर्गत कद्दूवर्गीय सब्जियों की परंपरागत खेती में आधुनिकता का समावेश करने के लिए आईआईवीआर कद्दूवर्गीय फसलों पर शोध कार्य कर रहा है शोध में उन्नतशील कद्दू वर्गीय प्रजातियों का ज्यादा से ज्यादा जैविक खादों के प्रयोग एवं गुणवत्ता युक्त उत्पाद पर विशेष बल दिए जाने पर निर्देशित किया ताकि गंगा के जल की शुद्धता बनाए रखने में मदद मिल सके। प्रायोगिक तौर पर कछार में पहली बार हो रहे प्रयोगों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। किसानों से संवाद करते हुए निरीक्षण टीम ने कीटनाशक दवाओं को कम करने की अपील की।साथ ही संस्थान में चल रहे दूसरे परियोजना जिसमें एक वर्षीय सहजन के किस्म के विकास करने पर भी शोध हो रहा है, का भी मूल्यांकन एवं अवलोकन किया गया। यह विश्व विख्यात हो चुका है की सहजन एक बहुत ही औषधीय गुणों से भरपूर होता है तथा इसे हर घर में लगाने के लिए किस्म का बनाया जाना बहुत ही जरूरी है। इस परियोजना के माध्यम से इस सहजन की नई किस्म का विकास किया जा रहा है जिसे जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा प्रक्षेत्र भ्रमण में अधिक तापमान सहिष्णु टमाटर तथा ब्रिमाटो, पोमेटो भी दिखाया गया। प्रक्षेत्र भ्रमण में डॉक्टर एंन रॉय, विभागाध्यक्ष फसल उन्नयन विभाग, परियोजना अन्वेषक डॉ राकेश दुबे एवं डॉ विद्या सागर तथा फसल उत्पादन विभाग से डॉ अनंत बहादुर शामिल रहे। संस्थान के निदेशक डॉक्टर तुषार कांति बेहरा ने कछार के किसानों को सब्जी अनुसंधान संस्थान से जुड़ने एवं अधिक से अधिक संस्थान के वैज्ञानिकों से जुड़कर फसल संबंधी समस्याओं का निदान पाने का अनुरोध किया।
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