विचाराधीन बन्दियों जिनके वाद का पैरवी करने वाला कोई नही है, उन्हे निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के लिए उनके आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जेलर उपलब्ध कराये-विधिक सचिव-कुमुद लता त्रिपाठी
रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डा0 अजय कृष्ण विश्वेश के निर्देशानुसार गुरुवार को विधिक सचिव कुमुद लता त्रिपाठी ने जिला व केन्द्रीय कारागार का वर्चुअल निरीक्षण किया।जिला कारागार के वर्चुअल निरीक्षण के दौरान अधीक्षक द्वारा बताया गया कि जिला कारागार में कुल 2589 बन्दी निरूद्ध है, जिसमे 2465 पुरूष व 124 महिला बन्दी है (महिला बन्दी के साथ 16 बच्चे) है। निरूद्ध महिला बन्दी पूर्णिमा, सीता, नीतू, साकेत, आशा देवी, शहजादी तथा पुरूष बन्दी ऋत्विक, सोनू गौड़, रामप्रसाद, महेन्द्र गुप्ता, उमेश, सोनू गुप्ता, राहुल सेठ, विशाल चौहान से उनकी समस्याओं के सम्बन्ध में बातचीत की गयी और उनकी समस्याओं को सुना गया तथा उसका निवारण करने हेतु अधीक्षक को निर्देशित किया गया। ऐसे विचाराधीन बन्दियों जिनके वाद की पैरवी करने वाला कोई नही है, उन्हे निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के लिए उनके आवेदन पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अग्रसारित करने हेतु तथा ऐसे बन्दियों जो शमनीय मामलों में तथा धारा-436एके अन्तर्गत निरूद्ध है उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए जेलर, जिला कारागार को निर्देशित कियागया। केन्द्रीय कारागार का वर्चुअल निरीक्षण के दौरान प्रभारी अधीक्षक द्वारा बताया गया कि बन्दियों की कुल 1696 बन्दी निरूद्ध है। जिसमे से 03 बन्दी आई0एम0 एस0, बी0एच0यू0 में भर्ती है। बन्दी से वार्ता के दौरान उनकी समस्या को सुना गया तथा उसका निवारण करने हेतु अधीक्षक को निर्देशित किया गया। बन्दियों से उनकी दिनचर्या के विषय मे विस्तार पूर्वक बातचीत की गयी। बन्दियों द्वारा बताया गया कि उन्हें समय-समय से नाश्ता, खाना उपलब्ध हो जाता है।
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