चन्दौली पीडीडीयू नगर विश्व बाल श्रम उन्मूलन दिवस के मौक़े पर गुरूवार को शी मूवमेंट फाउंडेशन द्वारा बाल श्रम निषेध विषय पर समुदाय संवाद जागरुकता अभियान चलाया गया। साथ ही सब्जी एवं फल मंडी में जागरुकता फेरी निकालकर बाल श्रम को समाप्त करने हेतु प्रतिज्ञा भी दिलायी गयी।शी मूवमेंट फाउंडेशन द्वारा गुरूवार को सुबह बाल श्रम उन्मूलन दिवस पर समुदाय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें बतौर वक्ता निदेशक सिद्धार्थ यादव ने कहा कि 6 से 14 वर्ष तक के बच्चे जिनका शारीरिक विकास इस वक्त तेजी से होता है, उन्हें श्रमिक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे बाल श्रम कहा जाता है। सरकार ने वर्ष 1986 में बाल श्रम उन्मूलन कानून बनाकर बाल श्रम को रोकने का कदम उठाया। वर्ष 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून बनाकर एवं 2010 में सर्वशिक्षा अभियान से ऐसे बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की। इसके अलावा फैक्ट्रीज़ एक्ट, 1948, प्लांटेशन एक्ट, 1951, माइंस एक्ट, 1952, बंधुआ मजदूर (उन्मूलन), 1976, जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, पॉक्सो एक्ट आदि बनाकर बच्चों के श्रमिक के रूप में कार्य करने पर प्रतिबन्ध लगाया और लैंगिक अपराधों पर भी अंकुश लगाने का काम किया है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए समाज कल्याण विभाग समेत अन्य विभागों के माध्यम से उनकी विपन्नता को दूर करने का प्रयास चल रहा है। बाल श्रम आज के समाज में एक बद्नुमा दाग़ है जिसे पूरे समाज को मिलकर खत्म करने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए।अतिथि नारायण प्रसाद सोनकर (जिलाध्यक्ष, फल एवं सब्जी व्यवसायी समिति) ने कहा कि सरकार से निवेदन है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मदद करें, उनके लिए योजनाएँ शुरू करें। उन्हें अमलीजामा पहनाए ताकि ऐसे परिवारों के बच्चे बाल श्रम के बजाय स्कूलों को जा सकें।कार्यक्रम में अतिथि रोहित यादव (सह नगर कार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने कहा कि बच्चों से श्रम कराकर हम उनका भविष्य ही नहीं बल्कि राष्ट्र का भविष्य भी दाँव पर लगा रहे हैं। बच्चे देश के भविष्य होते हैं। हमें चाहिए कि आर्थिक परेशानियों का सामना करते हुए बच्चों को पढ़ने को अवश्य स्कूल भेजें। बच्चों में टैलेंट होता है लेकिन हम उन्हें काम में लगाकर उनके टैलेंज को मार देते हैं। आज जरुरत है उनके टैलेंट को सही दिशा देने की।अतिथि कुमार नन्दजी (जिला महासचिव चन्दौली बॉक्सिंग संघ) ने कहा कि कोई भी अपने 14 वर्ष तक बच्चों को भारी श्रम में न लगाए। उन्हें पढ़ाए-लिखाए। सरकार की तमाम योजनाएँ चल रही हैं जिससे बच्चे और परिवार दोनों ही लाभान्वित हो सकते हैं। इसके पूर्व पूरे सब्जी मंडी में घूम-घूमकर फल-सब्जी व्यवसायियों को बाल श्रम उन्मूलन को खत्म करने के लिए प्रतिज्ञा दिलायी गयी।कार्यक्रम का संचालन संस्था के अखिलेश कुमार ने किया। इस अवसर विनोद, भरतलाल, संजय, मनोज, मजहर, कल्लू, लोहा, नारद, झगड़ू, रामजी, मनीष, काले बुधनी, संगीता आदि फल-सब्जी व्यवसायी मौजूद थे।
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