रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी राजातालाब।जनपद के सबसे बड़े मिर्च उत्पादक क्षेत्र के किसान गंगा के जलस्तर को देते हुए चिंतित है।बाढ़ के बढ़ते पानी की सूचना से किसान परेशान है।मालूम हो कि शाहंशाहपुर, सीहोरवा, जक्खिनी,जमुनीपुर,मरुई आदि इलाके में बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती होती है। किसानों ने आगे की मिर्च की खेती के लिए पौधों की रोपाई कर दी थी। अब बढ़ते जलस्तर को देखते हुए किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई है।शाहंशाहपुर के सिवान में रविवार को बाढ़ का पानी पहुंच गया। अब यह आगे सीहोरवा में जक्खिनी की ओर बढ़ रहा है। किसान चंदन पाल, आशा सिंह,पवन सिंह, मुकेश सिंह, जक्खिनी के अमरेश्वर नारायण सिंह बताते हैं कि बाढ़ का पानी आने से सैकड़ों एकड़ फसले जलमग्न हो जाती है। पिछले दिनों गंगा का बढ़ावा कम हो गया था तो लोगों ने राहत की सांस ली थी।किसान मिर्च पौधों की रोपाई में लग गए थे। सैकड़ों एकड़ मिर्च की फैसले लग गई है।अब बाढ़ के जलस्तर को देखते हुए किसानों को फसल चौपट होने का भय सता रहा है। किसानों को दोबारा नर्सरी तैयार करना होगा और उनकी खेती भी पीछे हो जाएगी।मालूम हो कि इस क्षेत्र के किसान मिर्च टमाटर और मटर उत्पादन करके अपना जीविकोपार्जन करते हैं। इसके साथ साथ शाहंशाहपुर मगरहा संपर्क मार्ग भी डूबा।
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क्षेत्र में बनाई गई तीन बाढ़ चौकियाँ
राजातालाब
क्षेत्र में तीन बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं जो क्षेत्रीय और बाहर से आने वाले किसानों लोगों की मदद करेंगी। मालूम हो कि शहंशाहपुर और जमुनीपुर में स्थापित चौकियों पर मंगरहा तिलगा,मिर्जापुर के शरणार्थी आते हैं।वे लोग यहां पर अपने मवेशी के साथ आते हैं।जिस कारण से लोगों के खाने-पीने और मवेशियों को भूसा चारा पानी आदि देने का इंतजाम करना होता है।इसी तरह तीसरी चौकी परसुपर में बनाई गई है।तीनों चौकिया पर लेखपालों और अमीनों की तैनाती कर दी गई है। साथ ही ग्राम विकास अधिकारियों को देखने के लिए लगा दिया गया है।
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