रिपोर्ट-इन्द्रजीत भारती
नौगढ़ चंदौली तहसील क्षेत्र के किसानों के साथ स्थानीय ब्लाक परिसर में एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसमें उपस्थित सभी किसानों को पराली न जलाने के संबंध में बताया गया तथा इससे होने वाली नुकसानी और बीमारी के बारे में समझा गया।वायु प्रदूषण ,मिट्टी में जीवाणुओं की छती ,जहरीली गैस से होने वाले नुकसान से आम जन जीवन पर पड़ने वाले असर को रेखांकित किया गया।
किसानों को बताया गया कि पराली जलाने पर मिट्टी में जीवाणु नष्ट हो जाते हैं तथा पैदावार कम हो जाती है। इसलिए किसानों को पराली नहीं जलाना चाहिए।गोष्ठी के दौरान बताया गया कि पराली जलाने पर 2 एकड़ पर 2500 रुपए तथा 2 एकड़ से अधिक पर ₹5000 ,5एकड़ से अधिक पर ₹15000 का अर्थदंड व कारावास का भी प्रावधान है।कहा गया कि किसान पराली का उपयोग खेत में जुताई करके वेस्टडी कंपोस्ट का प्रयोग करके जैविक खाद के रूप में कर सकते हैं।इस अवसर पर छोटेलाल ,बालकृष्ण यादव, लाल बहादुर ,जयप्रकाश ,श्याम नारायण आदि किसान मौजूद रहे।
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