रिपोर्ट-विनोद कुमार यादव
नौगढ चन्दौली पत्नी को प्रधान बनाने के लिए मतदाताओं को फ्री में राशन बांटना कोटेदार को महंगा पड़ गया। बाघी गांव का कोटा एसडीएम ने निलंबित कर दिया। कोटेदार को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है इसके साथ ही कोटे की दुकान को पड़ोस में स्थित देवखत गांव के कोटेदार से संबद्ध कर दिया गया। बता दें कि बीते 6 अप्रैल को एसडीएम डॉ अतुल गुप्ता को मोबाइल पर चुनाव लड़ रहे किसी प्रत्याशी ने सूचना दिया कि बाघी गांव के कोटेदार सरकारी राशन 35 किलो चावल गेहूं गांव के लोगों को फ्री में बांट रहे हैं। सूचना मिलने पर एसडीएम कोटे की दुकान पर पहुंचे और पड़ताल के दौरान कोटेदार 167 लोगों को राशन वितरण कर चुका था। संदूक में पैसा ना होने पर उसे अपनी गाड़ी पर बैठाकर नौगढ़ थाने ले आए। बाद में वनवासियों के द्वारा थाने पर धरना दिये जाने पर कोटेदार को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। एसडीएम ने आपूर्ति विभाग से जांच कराने का आदेश दिया। आपूर्ति इंस्पेक्टर विक्रांत श्रीवास्तव ने गांव में जाकर बयान दर्ज किया तो फ्री में राशन वितरण करने के आरोप की पुष्टि हुई। एसडीएम ने उक्त कोटेदार का कोटा निलंबित करते हुए दुकान को बगल के गांव देवखत के कोटेदार राम सागर यादव की दुकान से संबंद्घ किए जाने का आदेश दिया। साथ ही कोटेदार को एक सप्ताह के भीतर मामले में जवाब देनेे के लिए नोटिस भी जारी किया गया है। जबकि इस मामले में कोटेदार प्रभु नारायण जायसवाल का कहना है कि मुझे साजिश करके फंसाया जा रहा है।

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