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Saturday, November 26, 2022

जिले में डेंगू मरीजों के लिए 52 बेड सुरक्षित -डीएमओ

डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के लक्षणों को पहचानें

 चंदौली मौसम बदलने के साथ ही वायरल, डेंगू,चिकनगुनिया व मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है| अक्सर लोग इसमें अंतर करने की गलती कर जाते हैं | वायरल बुखार को भी डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया समझ कर इलाज करने लगते हैं | ऐसे में जरुरी है की दो-तीन दिन अगर बुखार रहें तो घर के नजदीक सामुदायिक अथवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जायें, नि:शुल्क जांच करायें और डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें। यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी पी के शुक्ला का। उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में जिले के सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर मच्छर जनित बीमारियों से बचाव एवं रोकथाम की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है | जिसके तहत जिले में डेंगू मरीजो के लिए 52 बेड सुरक्षित किये गए हैं | 

सहायक मलेरिया अधिकारी (एडीएमओ) राजीव सिंह ने बताया कि जिले में डेंगू की रोक थाम के लिए सघन अभियान चलाये जा रहें है | जिसके तहत जिले के सभी सीएचसी व पीएचसी एवं दो चिकित्सालय में मच्छरदानी युक्त कुल 52 डेंगू बेड सुरक्षित किये गए हैं | साथ ही एमसीएच विंग सदर में 25 बेड डेंगू के भी सुरक्षित हैं | उन्होंने बताया कि जिले में जनवरी से अब तक किट्स से 154 जांच की गयी | जिसमें एलाइजा जाँच में 48 मरीज पॉज़िटिव पाये गए |मलेरिया सम्भावित 96786 मरीजों की जांच की गई, जिसमें 9 लोग पॉज़िटिव पाये गए | उन्होंने बताया कि डेंगू सम्भावित मरीजो की प्रतिदिन जाँच की जा रही है और जांच का नमूना वाराणसी के पंडित दिन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय भेजा जा रहा है | एडीएमओ ने बताया कि अर्बन एवं शहरी क्षेत्रों में नियमित एंटी लार्वा का छिड़काव एवं फागिंग कि जा रही है | घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कचरे का अनविस्टीकरण के साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि वह घर के बाहर कचरा न डालें | घर या बाहर गंदा पानी जमा न होने दें| घर में या घर के आसपास गड्ढ़ों, कंटेनरों, कूलरों आदि में पानी भरा हो और घास-फूस, गंदगी जमा हो तो इससे मच्छर पनपने की पूरी गुंजाइश होती है | ऐसी कोई भी जगह खाली न छोड़ें | गमले चाहे घर के भीतर हों या बाहर, इनमें पानी जमा न होने दें| गमलों के नीचे रखी ट्रे भी रोज खाली करना न भूलें| छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर,बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उन्हें उल्टा करके रखें| पानी की टंकीअच्छी तरह बंद करके रखें। पक्षियों को दाना-पानी देने वाले बर्तन में रोज पूरी तरह से खाली करके साफ करने के बाद ही पानी भरें | किचन, बाथरूम के सिंक/वॉश बेसिन में भी पानी जमा न होने दें| उसकी हफ्ते में एक बार अच्छी तरह से सफाई करें| पानी स्टोर करने के बाद बर्तन पूरी तरह ढककर रखें | 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नियामताबाद ब्लॉक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ विमल कुमार ने बताया इस मौसम में ज्यादातर लोगों में सामान्य बुखार होकर और मांसपेशियों में कुछ दिनों तक दर्द रहने के बाद यह खत्म हो जाता है | ज्यादातर बुखार 100 से ऊपर होता है | सितंबर से नवंबर तक के महीनों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के प्रकोप के लिए जाना जाता है| लेकिन इस समय सामान्य वायरल भी तेजी से बढ़ता है | चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया के लक्षण की पहचान होना बहुत जरूरी है | घर में एक को डेंगू हो गया और उसे काटने के बाद मच्छर ने दूसरे को भी काट लिया तो डेंगू होने का खतरा जरूर होगा | इसलिए घर में जब भी किसी को डेंगू हो तो उसे मच्छरदानी में ही सुलाएं और मच्छर भगाने के लिए मस्कीटो रिपेलेंट जैसे- स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का इस्तेमाल करें ताकि मच्छर फिर से उसे काटकर बाकी सदस्यों को बीमार न कर सकें | वहीं बाकी लोग भी मच्छरदानी में सोएं और मस्कीटो रिपेलेंट का इस्तेमाल करें।डेंगू ,मलेरिया व चिकनगुनिया के लक्षण –

डॉ विमल ने बताया कि डेंगू में बुखार के साथ हाथ-पैर में दर्द रहता है | भूख कम लगाना, जी मचलाना और बार -बार उल्टी होना इसके लक्षण है | डेंगू का बुखार बहुत तेज होता है और ठंड के साथ बुखार आता है | सिर में और आंखों में तेज दर्द| कभी-कभी आंख और नाक से खून आने के लक्षण भी दिख सकते हैं |त्वचा में लाल धब्बे पड़ना भी कभी-कभी देखा गया है | डेंगू मरीज को बुखार के साथ कमजोरी लगने लगती है क्योंकि उसके प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं | चिकनगुनिया के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हैं इसमें प्लेटलेट्स काउंट कम नहीं होते हैं| इसलिए मरीज को डेंगू की तुलना में कमजोरी कम लगती है| तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द चिकनगुनिया का सामान्य लक्षण होता है | जब भी बुखार आता है तो तेज सरदर्द और चक्कर भी आता है | शरीर में जकड़न की समस्या भी रहती है | शरीर में चकत्ते या दाने पड़ना होता है जिनका रंग हल्का लाल रंग का होता है | मलेरिया होने पर रोगी को सर्दी लगने लगती है और शरीर कांपने लगता है | सर्दी के साथ प्यास लगना, उल्टी होना, हाथ पैरों में ठंड लगना और बेचैनी होना आदि मलेरिया के लक्षण है| इस बीमारी में कब्ज़, घबराहट और बेचैनी आदि होने लगती है |



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