रिपोर्ट-एस०बहादुर
चन्दौली नियामताबाद। मुलायम सिंह यादव के जीवन दर्शन से तानाशाही मनोवृति व दमन से लड़ने की प्रेरणा मिलती है। भारतीय राजनीति का संसदीय इतिहास उनके बिना अधूरा है। सही अर्थों में समाजवादी आंदोलन के महानायक एवं सामाजिक परिवर्तन के प्रणेता मुलायम सिंह थे। उक्त बातें समाजवादी युवजन सभा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव डीएन यादव ने बिलारीडीह स्थित अपने आवास पर मुलायम सिंह के जयंती के अवसर पर एक गोष्ठी को संबोधित करते हुए कही।उन्होंने कहा कि नेताजी हमेशा कहते थे कि भारत का विकास करना है तो पहले गांव का विकास होना चाहिए। किसान खुशहाल होगा तो देश खुशहाल होगा। उनका यह विचार देश के विकास के लिए ब्रह्म वाक्य है। सच्चे मायने में समाजवादी आंदोलन डॉक्टर लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव, जयप्रकाश नारायण के बाद मुलायम सिंह के नेतृत्व में ही सुरक्षित था। उनके आज नहीं होने पर समाजवादी कार्यकर्ता यह संकल्प लेते हैं कि देश और प्रदेश से इस सरकार को आगामी लोकसभा चुनाव में जनबल के माध्यम से उखाड़ फेंकेगे। इस मौके पर संजय प्रधान, सैफ प्रधान, आशा देवी, बिरेंद्र बंटी, चंद्रशेखर बिंद, महेंद्र पाल, कमला बियार, राजू सोनकर, जमुना भारती, जलालुद्दीन, रजिया बेगम, श्यामप्यारी, बियार, सूबेदार यादव, डॉ पीएस यादव, प्रतिमा सिंह, मंजू तिवारी आदि मौजूद रहे।
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