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Monday, November 17, 2025

मुआवजे की मांग को सरकार अनदेखा कर रही है-राम अवध सिंह

 

केरायगांव में आयोजित हुई किसान गोष्ठी 

चन्दौली-शहाबगंज ब्लॉक अंतर्गत केरायगांव में तीन कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन के जीत की पांचवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में किसान विकास मंच के तत्वावधान में किसान गोष्ठी आयोजित की गई।जिसमें कार्यकर्ताओं ने किसान मजदूर के खिलाफ हो रही साजिशों पर प्रमुखता से फोकस किया।अध्यक्ष राधेश्याम पांडेय ने बताया कि सरकार ने कृषि कानून वापस करते वक्त वादा किया था कि हम एम एस पी गारांटी कानून बनायेंगे, लेकिन आज तक नहीं बनाया। जो सरकार किसानों के लिए एम एस पी गारांटी कानून नहीं बना रही है वह सरकार किसान विरोधी है। किसानों के लिए यह बहुत बड़ा संकट है। प्रमुख विचारक श्याम बिहारी सिंह ने बताया कि कोरोना काल में ही किसानों के विरुद्ध सरकार ने काले कानून और मजदूरों के खिलाफ चार लेबर कोड बिल पास किया जो भारत के किसान और मजदूर को विदेशी और देशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हवाले करने वाला था। यह गुलामी का एजेंडा नहीं तो और क्या था। उन्होंने अमेरिकी साम्राज्यवाद के साजिश का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह दोनों कानून भारत की संप्रभुता के ऊपर भारी हमला था। संगठन मंत्री राम अवध सिंह ने बताया कि किसी कानून अगर वापस नहीं हुए होते तो भारत के किसानों की खेती और खेत दोनों ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हवाले निश्चित हो जाते,इसलिए किसान विकास मंच ने कृषि कानून के खिलाफ चंदौली की धरती पर सबसे ज्यादा आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सरकार की किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश करते हुए कहा कि जिन इलाकों में बाढ़ से धान की फसल बिल्कुल बर्बाद हो गई थी वहां के कुछ किसानों को₹4000 प्रति बीघा देकर जले पर नमक छिड़का गया है। मोथा तूफान में किसान विकास मंच ने ₹30000 प्रति एकड़ मुआवजे की मांग किया था जिसे सरकार अनदेखा कर रही है।अभी तक किसी भी किसान को मुआवजे की राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। सरकार का यह रवैया फिर से किसान आंदोलन उभरने के लिए बाध्य कर रहा है।सभी वक्ताओं ने एक स्वर से किसानों को आगाह किया कि अपने हक और अधिकार के लिए अगर किसान जागरूक नहीं होगा तो देश की खेती और खेत बहुराष्ट्रीय कंपनियां निगल जायेंगी।कार्यक्रम में उपेंद्र सिंह,धीरेंद्र सिंह,राधेश्याम सिंह, रामदुलार यादव, नरेंद्र सिंह, राजवंश सिंह, तारकेश्वर जायसवाल, रमेश पांडे, भोलानाथ सिंह, अशोक कुमार द्विवेदी, सुरेश मौर्य, भरत यादव,राम अवध यादव,साधू बब्बन सिंह, बृजेश विश्वकर्मा, संत राज यादव, राजेश यादव, मनोज यादव, भीष्म प्रताप यादव, अविनाश यादव, कैलाश राम, चिरंजीव सिंह इत्यादि लोग शामिल थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता रामनिवास पांडेय और संचालन राम अवध सिंह ने किया।



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