रिपोर्ट -बाबू चौहान
चंदौली। शहाबगंज विकास खंड परिसर में शुक्रवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 50 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। विकासखंड अधिकारी दिनेश कुमार सिंह की देखरेख में सभी जोड़ों का सत्यापन एक सप्ताह पूर्व ही पूरा कर लिया गया था, एडीओ समाज कल्याण पंकज टाइगर ने बताया कि लाभार्थियों का चयन और दस्तावेजों का सत्यापन पारदर्शी एवं व्यवस्थित तरीके से सुनिश्चित किया गया।इस योजना के अंतर्गत , सरकार प्रत्येक कन्या के बैंक खाते में 60,000 रुपए की धनराशि भेजती है,इसके अतिरिक्त दूल्हा- दुल्हन को विवाह योग सामग्री के रूप में 25000 रुपए का मूल सामान उपलब्ध कराया जाता है। शादी के आयोजन पर 15000 रुपए व्यय किए जाते हैं जिससे प्रति कन्या पर कुल 1 लाख रुपए खर्च आता है।उत्तर प्रदेश सरकार की यह जनकल्याणकारी योजना सामाजिक समानता को बढ़ावा देने और गरीब तथा वंचित परिवारों को आर्थिक सहारा प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। इसका मुख्य लक्ष्य गरीब परिवार की बेटियों के विवाह में आर्थिक सहायता प्रदान करना है। शहाबगंज ब्लाक क्षेत्र से 50 जोड़ो ने विवाह समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया ।आशीर्वाद देने वाले में क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता सिंह, विकास खंड अधिकारी दिनेश कुमार सिंह,प्रमुख प्रतिनिधि राकेश सिंह ने जोड़ों को आशीर्वाद दिया ।समारोह स्थल पर सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।विधायक कैलाश आचार्य ने संदेश दिया कि सामूहिक विवाह केवल आर्थिक सहायता का माध्यम नहीं,बल्कि सामाजिक समानता और सहयोग की मिसाल है।विधायक कैलाश आचार्य ने कहा कि हमारे समाज में विवाह को अत्यधिक दिखावे का माध्यम बना दिया गया है, जिसके कारण गरीब परिवारों को भारी आर्थिक दबाव झेलना पड़ता है।सामूहिक विवाह ऐसी सोच को बदलने का प्रयास है।दोपहर बाद भोजन की व्यवस्था की गई जिसमें साधारण लेकिन स्वादिष्ट दाल,सब्जी,पूरी,मिठाई और सलाद परोसा गया। दूल्हा-दुल्हन और उनके परिवार भोजन करते हुए एक-दूसरे से अनुभव साझा करते दिखे।वर-वधू अपने हाथों में उपहार और दिलों में नई उम्मीदें लिए पंडाल से बाहर निकल रहे थे।किसी के चेहरे पर संतोष था,किसी पर भविष्य की योजना पर सबके मन में एक भरोसा जरूर था कि जीवन की शुरुआत बिना आर्थिक बोझ के भी हो सकती है।इस कार्यक्रम ने एक बड़ा संदेश दिया कि भव्यता ही विवाह की पहचान नहीं।एक-दूसरे के प्रति सम्मान,सामाजिक सहयोग और संवेदनाएं एक शादी को खूबसूरत बनाती हैं।

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