रिपोर्ट -त्रिपुरारी यादव
वाराणसी।अवादा फ़ाउंडेशन ने दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के 50 से अधिक छात्रों छात्राओं, उनके अभिभावकों और शिक्षकों के लिए एक व्यापक और प्रेरणादायक शैक्षिक यात्रा का आयोजन किया है। इस पहल के तहत, छात्रों ने मध्य प्रदेश के डोंगला में कर्क रेखा पर फ़ाउंडेशन द्वारा निर्मित अत्याधुनिक तारामंडल का भ्रमण किया, जिससे उनके लिए ज्ञान और विज्ञान की नई दुनिया के द्वार खुल गए हैं।डोंगला स्थित तारामंडल जो ज्ञान का नया केंद्र अवादा फ़ाउंडेशन और आचार्य वराह मिहिर न्यास के संयुक्त प्रयास से उज्जैन, मध्य प्रदेश के डोंगला (कर्क रेखा के समीप) में एक विश्व-स्तरीय तारामंडल का निर्माण किया गया है। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। इस शैक्षिक भ्रमण में राजस्थान के करणीसर भटियान से 51 छात्र छात्राए, अद्यापक गण, अभिभावक गण का दल इस अनूठे केंद्र पर पहुँचे।यहाँ छात्रों को विज्ञान, अंतरिक्ष, और खगोल विज्ञान जैसे विषयों का व व्यावहारिक और उन्नत ज्ञान मिला जो आमतौर पर उनके दूरस्थ स्थानों पर सुलभ नहीं होता है। यह अनुभव दर्शाता है कि कैसे नवाचार और सही शैक्षणिक सुविधाएँ दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता को रातोंरात बदल सकती हैं।समानता और सशक्तिकरण की ओर एक कदम अवादा फ़ाउंडेशन' हमेशा से ही पिछड़े और साधनहीन बच्चों को समर्थ एवं धनी बच्चों के समकक्ष शैक्षणिक वातावरण, सुविधाएँ और अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। यह शैक्षिक यात्रा इसी बड़े उद्देश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।फ़ाउंडेशन इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विद्यालयों को बसें प्रदान करना, वर्चुअल क्लासेज़ का संचालन, सरकारी विद्यालयों का पुनर्निर्माण, शिक्षकों की व्यवस्था, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था इत्यादि ढेरो कार्य कर रहा है। छात्रों ने तारामंडल के साथ-साथ परिसर में बनी वेधशाला और जंतर मंतर का भी अवलोकन किया। भारत की प्राचीन और आधुनिक खगोलीय विरासत को समझने के लिए, आचार्य वराह मिहिर न्यास के प्रसिद्ध वैज्ञानिक घनश्याम दास रतनानी ने बच्चों को इन संरचनाओं का भ्रमण कराया। उन्होंने परिसर में स्थित ऑडिटोरियम में एक रोचक और ज्ञानवर्धक विज्ञान व्याख्यान भी दिया, जिसने छात्रों की जिज्ञासा को और बढ़ाया। इस एकीकृत भ्रमण के दौरान ही उज्जैन के समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और वैज्ञानिक स्थलों का शैक्षिक भ्रमण भी आयोजित किया गया जिससे छात्रों को मध्य प्रदेश की धरोहर को करीब से जानने का अवसर मिला।फाउंडेशन की डायरेक्टर ऋतु पटवारी ने इस अवसर पर कहा, "जब इन बच्चों ने हमारे तारामंडल में पहली बार ब्रह्मांड के दर्शन किए, तो उनके चेहरे पर जो विस्मय और प्रेरणा दिखी, वही हमारी सच्ची सफलता है। यह यात्रा सिर्फ़ शिक्षा नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और अदम्य इच्छाशक्ति का बीज बोने का एक प्रयास है। हम हर बच्चे को यह महसूस कराना चाहते हैं कि वे कितने भी दूरस्थ गाँव से क्यों न हों, उनके सपने असीम हैं।

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