वाराणसी: चिरईगांव विकासखंड अंतर्गत धराधर गांव सभा की महिला ग्राम प्रधान रेणु देवी के पति शिव मूरत निषाद जो प्रधान पति है। ने मीडिया को बताया कि कुल तीन राजस्व गांव धराधर, देवरिया, गंगापुर, बकैनी है ।जिसकी आबादी लगभग 3000. और वोटर संख्या 1500 .के लगभग हैं ।जहां पर शौचालय - 10 2मिले जो बनकर तैयार है।
प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की संख्या 6 लोगों की नाम भेजी गई थी, लेकिन सिर्फ मिला एक जो रमेश निषाद का है। वह बनकर तैयार है ।गांव के अंदर 60 मीटर इंटरलॉकिंग बनवाया गया है। कच्ची सड़क मनरेगा द्वारा डेढ़ सौ मीटर बनवाया गया।
प्राथमिक स्कूल देवरिया धराधर के स्कूल की बाउंड्री स्कूल में शौचालय खूबसूरत दिखने के लिए टाइल्स लगी है। और इसके अलावा धन के अभाव में सारे विकास कार्य अवरुद्ध है। क्योंकि विकास खंड से 10 .12 किलोमीटर दूरी पर व वाराणसी मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर एकदम गंगा सोता के किनारे यह गांव है।
जहां कोई आवागमन का साधन व सड़क नहीं है । न कोई अधिकारी कर्मचारी भी वहां जाना चाहता है । जिससे उस गांव के लोगों का जीना दूभर है .बाढ़ के समय में यह गांव बाढ़ से घीर जाता है ।और लोगों को सरकारी मदद के सहारे जीना पड़ता है ।धराधर पुर गांव मैं मेन सड़क से आने जाने के लिए कोई अच्छा रास्ता नहीं है ,क्योंकि उस गांव में चकबंदी ही नहीं हुई यदि हो जाती है तो उस गांव का सर्वांगीण विकास हो जाता।
गांव में आगनबाडी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, खेल कूद का मैदान ,बारात घर, नंद घर इत्यादि नहीं है। पूरे गांव में अति पिछड़ी जाति के निषाद वह अनुसूचित जाति के व्यक्ति रहते हैं।
रिपोर्ट: जी पी गुप्ता
प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की संख्या 6 लोगों की नाम भेजी गई थी, लेकिन सिर्फ मिला एक जो रमेश निषाद का है। वह बनकर तैयार है ।गांव के अंदर 60 मीटर इंटरलॉकिंग बनवाया गया है। कच्ची सड़क मनरेगा द्वारा डेढ़ सौ मीटर बनवाया गया।
प्राथमिक स्कूल देवरिया धराधर के स्कूल की बाउंड्री स्कूल में शौचालय खूबसूरत दिखने के लिए टाइल्स लगी है। और इसके अलावा धन के अभाव में सारे विकास कार्य अवरुद्ध है। क्योंकि विकास खंड से 10 .12 किलोमीटर दूरी पर व वाराणसी मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर एकदम गंगा सोता के किनारे यह गांव है।
जहां कोई आवागमन का साधन व सड़क नहीं है । न कोई अधिकारी कर्मचारी भी वहां जाना चाहता है । जिससे उस गांव के लोगों का जीना दूभर है .बाढ़ के समय में यह गांव बाढ़ से घीर जाता है ।और लोगों को सरकारी मदद के सहारे जीना पड़ता है ।धराधर पुर गांव मैं मेन सड़क से आने जाने के लिए कोई अच्छा रास्ता नहीं है ,क्योंकि उस गांव में चकबंदी ही नहीं हुई यदि हो जाती है तो उस गांव का सर्वांगीण विकास हो जाता।
गांव में आगनबाडी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, खेल कूद का मैदान ,बारात घर, नंद घर इत्यादि नहीं है। पूरे गांव में अति पिछड़ी जाति के निषाद वह अनुसूचित जाति के व्यक्ति रहते हैं।
रिपोर्ट: जी पी गुप्ता


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