वाराणसी सदियों से चलता आ रहा विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली का महोत्सव वाराणसी के 84 घाटों पर दीपों की जगमगाती रोशनी में बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस बार देव दीपावली पर भगवान शिव की नगरी, काशी 15 लाख दीपों के साथ जगमगा उठी और उस भव्यता के साक्षी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रशासन के अधिकारी और बनारस की आम जनता रही। इस वर्ष कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। इसी के मद्देनजर एनडीआरएफ की 5 टीमों को विभिन्न घाटों जैसे राजघाट, ललिता घाट, दशाश्वमेध घाट, रविदास घाट और नजदीकी घाटों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में गंगा नदी में तैनात किया गया। इसके अतिरिक्त एन डी आर एफ की एक टीम ने प्रधानमंत्री काफ़िले को गंगा यात्रा के दौरान डोमरी घाट से ललिता घाट, वहां से राज घाट और राजघाट से रविदास घाट तक सुरक्षा प्रदान की। इसके साथ एनडीआरएफ की वाटर एम्बुलेंस व मेडिकल टीम ने विभिन्न घाटों पर उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं का निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की। एनडीआरएफ की पांच टीमें जिसमें 25 नावों और लगभग 120 बचावकर्मियों के साथ वाराणसी के प्रमुख घाटों पर तैनात रही। इन प्रत्येक टीमों में गोताखोर, पैरामेडिक्स, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ देव दीपावली के कार्यक्रम के दौरान घाटों पर तैनात रहे। देव दीपावली के इस अदभुत नज़ारे को देखने के लिए देश-विदेश से हज़ारों लोग घाटों पर मौजूद रहे तथा किसी भी अप्रिय घटना से बचाव हेतू एनडीआरएफ के प्रशिक्षित बचावकर्मी घाटों पर मुस्तैदी से तैनात रहे।
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