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Saturday, December 19, 2020

काकोरी कांड के शहीदों की याद में जरूरतमंदों को मदद

जो परहित करता है, वही धर्म का पालन करता - डॉ डीपी सिंह 

रिपोर्ट-संतोष यादव

सुल्तानपुर। शहीदों ने बाहरी दुश्मनों से लोहा लिया, आज भीतरी दुश्मनों से हमें आपको लड़ना है। देश के लिए उन्होंने शहादत दी हमें अच्छे काम करके शहादत देनी है। यह बातें सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ डीपी सिंह ने काकोरी कांड के शहीदों की याद में शहीद स्मारक सेवा समिति द्वारा आयोजित 36वें वार्षिकोत्सव में कही। डॉ सिंह ने कहा कि जो परहित करता है, वही धर्म का पालन करता है। उन्होंने सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार का भी ज़िक्र करते हुए सवाल खड़ा किया कि क्या शहीदों ने इसीलिए कुर्बानी दी थी। पं.राम नरेश त्रिपाठी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत काकोरी कांड के शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ।पूर्व विधायक अनूप संडा ने कहा कि शहीदों का सपना अंग्रेजों को भगाने भर का नही था। हर इंसान की मूलभूत जरूरतें पूरी हो यह भी सपना था, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नही हो सका। श्री संडा ने कहा कि राजनीति चुनाव लड़ना भर नही है बल्कि राजनीति ये तय करती है कि किसके घर चूल्हा जले, किसका फ्री में इलाज हो। जब राजनीति अपना दायित्व नही पूरा करती तो समाज के सामाजिक लोगों को आगे आना पड़ता है। इसीलिए 70 साल बाद भी ऐसी संस्थाओं की जरूरत  महसूस हो रही है। लखनऊ से पधारे रीसर्च पापुलेशन सेंटर के अध्यक्ष डॉ आरसी मिश्र ने कहा किजरूरतमंद लोगों की मदद से बढ़कर कोई दूसरा काम नही। डॉ बीके शुक्ला ने ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि देश के अन्य जिलों में भी ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए। साल में एक दिन नही बल्कि पूरे साल जरूरतमन्द की मदद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सहयोग से बड़ा कोई कार्य नही सभी धर्मों में यही सिखाया गया है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुधाकर सिंह ने कहा किसेवा कितनी की जा रही उससे ज्यादा किस भाव से की जा रही है यह महत्वपूर्ण होती है। करतार का भाव देखिए, उनसे प्रेरणा एवं कुछ करने का संकल्प लेकर जाइये। जिला सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह ने कहा कि करतार की तुलना कठिन है। वह वियरर चेक हैं। उनकी प्रेरणा से आज जिले में कई संस्थाएं अच्छा काम कर रहीं हैं। आर्थिक मामलों में राष्ट्रपति के सलाहकार जैसे पदों पर रहें संस्था के संरक्षक व रूहेलखंड एवं आगरा विश्वविद्यालय के               

पूर्व कुलपति प्रो. मुजम्मिल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि इनकी सबकी मौजूदगी ही हमारा उत्साह है। प्रेरणा है। तकरीर है।इन्ही की बदौलत इतना बड़ा कार्यक्रम हो रहा है। लोगों को मदद मिल रही है।प्रो. मुजम्मिल ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा के लिए दुनिया में चार तरह की संस्थाएं काम कर रहीं हैं, लेकिन जब तक समाज में शहीद स्मारक जैसी चौथे नम्बर कीस्वयंसेवी संस्थाएं नही होंगी गरीबों की मदद नही हो सकती है। ब्लड डोनेशन में प्रदेश में जिले का स्थान आने का श्रेय शहीद स्मारक सेवा समिति को देते हुए वक्ताओं ने संस्था को प्रेरक बताया एवं संस्था से जुड़े प्रदीप त्रिपाठी द्वारा रक्तदान की संख्या 50 पूरे होने एवं प्रतिवर्ष हर्षित यादव द्वारा गुल्लक में धन संचय कर संस्था को देने के लिए सभी ने उत्साहवर्धन किया। इस मौके पर संस्था के मंत्री माबूद अहमद, आज़ाद सेवा समिति के अध्यक्ष अशोक सिंह, अभिषेक सिंह, ज्ञान प्रकाश यादव, सुधीर तिवारी,  डॉ नीरव पांडेय, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी शकील अहमद, आर्ट ऑफ लिविंग के लालजी वर्मा सहित लोगों की मौजूदगी रही।  कार्यक्रम के अंत में 27 सिलाई मशीन, 25 साइकिल सहित ठेला, रिक्शा ट्राली,पात्रों में बांटी गई। सभी के प्रति आभार जताते हुए अध्यक्ष करतार केशव यादव ने कहा कि जरूरतमंद लोगों को मदद स्वरूप दी जाने वाले ये समान श्रद्धा के फूल हैं। करतार ने कहा कि ये शहीदों का शहर है। यहाँ जागृति बहुत है। सभी सबकी मदद को तत्पर रहते हैं। कार्यक्रम  का संचालन अब्दुल करीम ने किया।



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