रिपोर्ट-विनोद कुमार यादव
नौगढ़ चन्दौली राम कथा सुनने और इसमें बताए मार्ग का अनुसरण करने से मनुष्य अपने जीवन को भवसागर से पार लगाने के लिए सफल बनाता है। जब रास्ता समझ में ना आए तो संतों का आश्रय लेना चाहिए। यह सद्विचार मंगलवार को कथा वाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने नौगढ़ क्षेत्र के नवर्दापुर गांव में मां अमरा भवानी मंदिर के बाहर चल रही संगीतमय श्री रामकथा में व्यक्त किए। कथा वाचिका ने केवट व भगवान श्री राम के प्रसंग का मार्मिक वर्णन सुनाते हुए कहा कि संसार के प्रत्येक कण में भगवान निवास करते हैं, उन्हें पहचानने का काम पाखी मनुष्य ही कर सकता है। कहा कि हमारा चित् ही चित्रकूट है जब तक मनुष्य रामकथा नहीं सुनता तब तक उसका मोह नहीं भागता। राम कथा में आयी महिलाओं से संवाद करते हुए कथा वाचिका ने कहा कि हर नारी का वास्तविक आभूषण उसका पति होता है। नारी के जीवन में पति का महत्व है, आजकल पति पत्नी में श्रद्धा , प्रेम, विश्वास नहीं केवल क्लेश भरा हुआ है। छह शास्त्रों का सार राम है। रामकथा के नौ दिन में नौ प्रश्न है। काशी से पधारी मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि भगवान
श्रीराम की कथा में नेत्रों से आंसू आना चाहिए। भक्त के हृदय में भगवान आएं तो आंसू आए बिना रह नहीं सकते। भगवान का सुमिरन करते रहिए। बज्र जैसा हृदय पिघलना चाहिए, तभी तो राम जी प्रवेश करेंगे। विकारों का जो खारा जल भरा है वह बाहर निकल जाता है। संगीतमय रामकथा में चाहे जैसे मुझे रख ले कुछ ना कहूंगा मैं। तेरा ही था, तेरा ही हूं , तेरा रहूंगा मैं, तथा प्रभु आपकी कृपा से सब काम हो रहा है जैसे गीत संगीत सुनकर श्रद्धालु झुमने लगे । तन मन धन सब कुछ है तेरा , तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा का भजन लोगों को भावविभोर कर दिया। कथा के बाद आरती हुई, प्रसाद का वितरण किया गया । इस मौके पर राम अवलंब, यादव रमाकांत शुक्ला , इं. राम गोविंद यादव, प्रभु नारायण जायसवाल, ज्ञान प्रकाश सिंह, बच्चा यादव, राजेश सिंह, अचल सिंह , चंद्रकांत उर्फ पप्पू दूबे के अलावा भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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