रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया-झोलाछाप डॉक्टरों के हॉस्पिटलों पर हो रही ताबड़तोड़ छापेमारी से सहमें ग्रामीण क्षेत्रों के डॉक्टर मर्जेंसी केस भी लेना बंद कर दिए। जिसके दौरान बुधवार को सुबह लगभग 10 बजे बैरवन निवासी दलित बस्ती के ओमप्रकाश हरिजन की 15 वर्षीया पुत्री सुषमा देवी को अचानक उल्टी तथा दस्त और पेट में दर्द होने लगा जिसे लेकर पिता ने कई हॉस्पिटल में दर-दर भटकता रहा लेकिन छापेमारी की डर से कोई भी डॉक्टर उक्त लाचार दर्द से तड़प रही महिला का इलाज करने के लिए हिम्मत नहीं जुटाया। जिससे पिता ओमप्रकाश ने ग्रामीणों की मदद से दर्द से कराह रही पुत्री को इलाज के लिए विवश होकर 108 नंबर पर फोन किया लेकिन 1 घंटे इंतजार करने के बाद भी सड़क के किनारे तड़प रही पुत्री के पास एंबुलेंस नहीं पहुंचा। यह रहा झोलाछाप डॉक्टरों के हॉस्पिटलों पर छापेमारी का मरीजों पर असर।एंबुलेंस काफी देर तक न पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने उक्त महिला की तड़प को देखकर 112 नंबर पर फोन किया जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उक्त पीड़ित महिला को इलाज के लिए अपनी गाड़ी से ले गयी।

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