रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया-जक्खिनी स्थित सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर बुधवार को राधेश्याम उपाध्याय ने अपने पोते सुमित उपाध्याय को दिखाने सुबह 10 बजे गए थे।हालत खराब होने पर सुमित को वाराणसी के लिए रेफर किया गया।घरवालों ने एंबुलेंस की उपलब्धता के लिए मांग की लेकिन एंबुलेंस नहीं दिया गया। एंबुलेंस देर से मिलने के कारण सुमित को लेकर जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। आरोप है कि अस्पताल में पांच एम्बुलेंस हैं। मगर अस्पताल ने समय से एंबुलेंस नहीं दिया। राधेश्याम उपाध्याय ने इसे अस्पताल प्रबंधन का दोष बताया। उनका आरोप था कि यहां अस्पताल पर न तो अधिकारी आते हैं और न हीं स्थानीय जनप्रतिनिधि।जिससे अस्पताल के अधिकारियों कर्मचारियों पर कोई दबाव नहीं रहता। उन्होंने इस ओर वाराणसी के जिलाधिकारी और सीएमओ का ध्यान आकृष्ट कराया है।मामले की जांच और लापरवाही बरतने वाले जक्खिनी आराजीलाईन वाराणसी के स्वास्थ केंद्र के जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।
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