बोलती तस्वीर
चन्दौली चकिया छुट्टा व निराश्रित घूम रहे गोवंशों के लिए सरकार के निर्देश पर जगह-जगह गोवंश आश्रय केन्द्र बनाये गये हैं।आश्रय केन्द्रों में गोवंशों के रख-रखाव,खान-पान,दवा इलाज की सभी व्यवस्थाएं सरकारी खर्चे पर की जाती हैं।स्वभाविक या बीमारी की दशा में गोवंशों को मृत होने पर उन्हें उचित जगहों पर दफनाने की भी व्यवस्था होती है।परन्तु प्राय:यह देखा जा रहा है कि आश्रय केन्द्रों में आने के बाद सभी व्यवस्थाएं रहने के बावजूद स्वस्थ गोवंश भी कुछ ही दिनों में जिन्दगी और मौत से जुझने लगते हैं।इसे क्या कहा जाये?इससे तो जिम्मेदारों की लापरवाही के अलावा शायद और कुछ नही कहा जा सकता।ताजा मामला चकिया ब्लाक परिसर में बने गोवंश आश्रय केन्द्र का है जहां की देखरेख नगर पंचायत के जिम्मे है।इसके लिए कर्मचारियों की नियुक्ति भी है परन्तु कुछ गोवंशों की हालत देखने से यह लगता है कि जिम्मेदार अपने जिम्मेदारी को ठीक ढ़ंग से नहीं निभा पा रहे हैं।जिससे सरकार की यह योजना धूमिल हो रही है।सूत्रों की मानें तो कल देर शाम गोवंश आश्रय केन्द्र का एक वीडियो सोशल मीडिया के जरिए जिलाधिकारी के पास पहुंच गया जिस पर उन्होंने कड़ा एक्शन लिया और तत्काल आश्रय केन्द्र की स्थिति सुधारने के लिए आदेश दे दिए,फिर क्या था रात में ही उनके आदेश का पालन भी हो गया। यही नहीं नगर पंचायत के उदासीनता से नगर और आस-पास के क्षेत्रों में तमाम ऐसे गोवंश सड़कों पर घूम रहे हैं जिन्हें गो आश्रय केन्द्रों में रखने की जरूरत है पर जिम्मेदारों को शायद किसी नये सरकारी आदेश के आने का इंतजार है।
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