रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव
वाराणसी रोहनिया-भदरासी गांव में देवनाथ उपाध्याय स्मृति संस्थान की ओर से आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा के दौरान शुक्रवार को सीता स्वयंवर और श्री राम विवाह के प्रसंग के साथ झांकी निकाली गई। तमाम राजाओं के द्वारा धनुष भंग न हो पाने पर विश्वामित्र मुनि के निर्देश पर राम ने धनुष को खंड खंड कर डाला।धनुष भंग होते ही सीता ने राम के गले में वरमाला डाल दिया। पंडाल में विवाह की सुंदर झांकी भी निकाली गई।प्रवचन करते हुए जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी हरि प्रपन्नाचार्य जी ने कहा कि राम ने जनक और सुनैना के चिंता को दूर करने के साथ ही सीता का वरण किया। कहा कि परशुराम के क्रोधित होने पर जहां लक्ष्मण जी भी विरोध में उनके उत्तर देने लगे परंतु राम ने विषम परिस्थिति में भी अपना धैर्य नहीं छोड़ा राम हर समय हर संकट में सम रहने वाले हैं।श्री सीताराम मानव कल्याण समिति के अध्यक्ष मिथिलेश उपाध्याय, चंचला उपाध्याय ने कथावाचक की आरती उतारने के साथ रामायण की पूजा भी की। इस दौरान आसपास गांव के मानस प्रेमी भारी संख्या में उपस्थित रहे।

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