चकिया चन्दौली शासन की उपेक्षा के शिकार वित्तविहीन विद्यालय के अध्यापक व कर्मचारी भूखमरी के कगार पर खड़े हैं।स्थिति ये है कि बेचारे न घर के रहे न घाट के ।बताते चलें कि कोरोना काल में सभी विद्यालय मार्च से ही बंद हैं। विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि फीस
मिल नहीं रही है तो वेतन कहां से दें ।शासन से मांग की गई तो उपमुख्य मंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ o दिनेश शर्मा जी ने पल्ला झाड़ते हुए दो टूक शब्दों में कह दिया कि मानदेय देने का कोई प्रस्ताव नहीं है ।जबकि प्रदेश के सारे विद्यालय शासन के आदेश से मार्च से बंद चल रहे हैं।उक्त बातें लोक विद्यार्थी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष गुलाब सिंह ने एक बैठक के दौरान कही।उन्होंने कहा कि ऐसे में शिक्षकों व कर्मचारियों के जीवन यापन की व्यवस्था करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है ये दूसरी तरफ सरकारी शिक्षक बिना स्कूल गए ही अपना वेतन पा रहे हैं। उनकी जिंदगी आराम से कट रही है ।सरकार के इस सौतेलेपन से क्षेत्रीय निजी विद्यालयों के शिक्षकों व कर्मचारियों में काफी क्षोभ है ।उनका कहना है कि कम से कम कोरोना काल तक ही सही न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से सरकार को हमारी सहायता करनी चाहिए,आखिर हम भी तो इसी देश के नागरिक है हमारे साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों हो रहा है।इस मौके पर विष्णु विश्वकर्मा,औरंगजेब खां, मुरारी यादव,समेत कई शिक्षक मौजूद रहे।Post Top Ad
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Post Bottom Ad
About us
मीडिया के क्षेत्र में वर्षों के अनुभवों के बाद "जन सच" पोर्टल को इस विश्वास के साथ चलाया जा रहा है कि सच्ची व सही खबरें पाठकों को सुलभता के साथ उपलब्ध कराई जा सके।
नोट-"जन सच" के नाम का कोई गलत इस्तेमाल करता है तो उसकी जानकारी आप मेल पर दें सकते हैं।
हम से सम्पर्क -jansach20@gmail.com
No comments:
Post a Comment