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Wednesday, March 10, 2021

भाई बनना है तो लखन जैसा और सखा बनना है तो सुग्रीव बनो-कथावाचिका

            

रिपोर्ट-विनोद कुमार यादव

नौगढ़ चन्दौली क्षेत्र के नर्वदापुर गांव में चल रहे  नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के अंतिम दिन भक्तजनों की भीड़ उमड़ पड़ी। रामकथा के दौरान कथावाचिका साध्वी मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने ओजस्वी वाणी से भक्तिरस की बयार बहाई। रामकथा के दौरान भजनों की भी प्रस्तुति हुई। इस मौके पर भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण भी किया गया। संगीतमय श्रीराम कथा का रसास्वादन कराते हुए कथावाचिका ने कहा कि हनुमान सम नहीं बड़ भागी, नहीं कोउ राम चरण अनुरागी... अर्थात हनुमान जी के जैसा कोई बड़भागी नहीं है। साध्वी ने कहा, राज्याभिषेक के बाद सभी को विदा कर दिया गया लेकिन हनुमान प्रभु श्रीरामचंद्र के चरण सेवा में तल्लीन रहे। कहा, अगर भाई बनना है तो लखन जैसा बनो, माता बनना है तो कौशल्या व सुमित्रा जैसा बनो, सखा बनना है तो सुग्रीव जैसा बनो, पत्नी बनना है तो सीता जैसा बनो और अगर सेवक बनना है तो हनुमान जैसा बनो। इस मौके पर मधुर भजनों की प्रस्तुतियों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। साध्वी ने राम भरत मिलाप भगवान राम द्वारा भक्तों का उद्धार लंका का दहन रावण का अंत राम के राजतिलक के प्रसंग पर कथा सुनाई तथा समापन पर राम राज्याभिषेक उत्सव धूमधाम से मनाया गया। प्रभु श्रीरामचंद्र के विधिवत पूजन व अर्चन बाद भक्तों के बीच प्रसाद का भी वितरण किया गया। राम अवलंब सिंह, प्रभु नारायण जायसवाल, अचल सिंह यादव, ज्ञान प्रकाश सिंह, रवि शुक्ला, बच्चा यादव, पीयूष यादव ,चंद्रकांत उर्फ पप्पू दूबे, रमाकांत शुक्ला, मनोज पांडे, अनिल यदुवंशी, देवी प्रसाद चौबे , मोहन यादव , सीताराम गोविंद , मनीष जायसवाल आदि रहे।



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