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Wednesday, September 29, 2021

31वां स्थापना दिवस समारोह का हुआ आयोजन

                  

रिपोर्ट-त्रिपुरारी यादव

वाराणसी शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में मंगलवार को  31वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें दोपहर के पहले वेबिनार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सबसे पहले संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर जी. कल्लू, डॉ. मथुरा राय, डॉ. टी. ए. मोरे एवं डॉ. पी. एस. नाइक जी ने अपने पूर्व अनुभव को साझा किये एवं संस्थान द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की।तत्पश्चात् ’’स्वास्थ्य एवं समृद्धि हेतु आहार में पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों का महत्व’’ पर एक पैनल डिस्कशन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय डॉ ए. के. सिंह, उप-महानिदेशक (उद्यान विज्ञान) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली ने किया एवं सह-अध्यक्षता डा. विक्रमादित्य पाण्डेय, सहायक उप- महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली एवं प्रो. असना ऊरूज, मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर ने किया। इस पैनेल डिस्कशन में डा. सुरेन्द्र कुमार टीकू, निदेशक शोध, टीयरा सीड् साइंस, हैदराबाद, प्रो. प्रदीप कुमार नैगी, वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी खाद्य अनुसंधान संस्थान, मैसूर, डा. अजय कुमार पाण्डेय, सह-प्रध्यापक, आयुर्वेद सकांय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, डा. इलान्गो मनी, एडवांटा सीड्, हैदराबाद एवं डा. विलास पारखी, महिको सीड्स, जालना, महाराष्ट्र ने अपने व्याख्यान दिये। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष डा. ए.के. सिंह ने कहा कि ऐसी प्रजातियों की विकास करने की आवश्यकता है जो पोस्ट हार्वेस्ट के लिए उचित हो जिससे आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने के समय उनका मूल्य संवर्धन किया जा सके जिससे किसान लाभान्वित हो। उन्होने नई तकनीकी सब्जी के वर्टिकल फार्मिग को वैज्ञानिक तरीके से करने एवं संरक्षित खेती के लिए प्रजातियों को विकसित पर जोर दिया।दोपहर के बाद संस्थान में सब्जी प्रदर्शनी एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें150 से अधिक किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डा. मंगला राय, पूर्व सचिव (भारतीय कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग)  एवं पूर्व महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली ने दीप प्रज्जलित करके किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा. मंगला राय ने फसलों में जैविक एवं अजैविक कारकों द्वारा होने वाले विभिन्न रोगों को फसलों के लिए एक चुनौती बताया एवं वैज्ञानिकों को सुझाव दिया कि आधुनिक तकनीक जैसे जीनोम एडिटींग आदि का प्रयोग करके नई प्रजातियों एवं तकनीकों का विकास किया जाए। उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि यदि कृषि किसानों के लिए लाभकारी नही होगी तो टिकाऊ नही हो सकती है। समारोह के विशिष्ट अतिथि कृषि विज्ञान संस्थान, बी.एच.यू. के निदेशक डा. रमेश चन्द्र ने कहा कि संस्थान द्वारा विकसित की गयी तकनीकों से देश के साथ-साथ इस क्षेत्र के किसानों को बहुत लाभ मिल रहा जिससे उनके जीवन यापन में काफी सुधार हो रहा है। जिसके दौरान संस्थान में उत्कृष्ट कार्य हेतु वैज्ञानिक वर्ग में डा. बी.के. सिंह, तकनीक वर्ग में  चन्द्रभूषण, प्रशासनिक वर्ग में रितेश मेहरोत्रा एवं सहकर्मचारी वर्ग में अनिल कुमार सुमन एवं कैलाश को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न विद्यालय में निबंध एवं चित्रकला का आयोजन किया गया जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए निबंध में राजकीय इण्टर कालेज, जक्खिनी के शिवम् सिंह एवं चित्रकला में राजकीय बालिका इण्टर कालेज, जक्खिनी के सानिया बानो को प्रथम पुरस्कार दिया गया।इस अवसर पर भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. तुषार कांति बेहेरा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान में हो रहे शोध एवं विकास कार्यों के बारे में बताया। उन्होंने फार्मर्स फर्स्ट एवं अनुसूचित जनजाति उप योजना जैसे प्रसार कार्यक्रमों द्वारा किसानों को हो रहे लाभों को बताया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि संस्थान ने अब तक सब्जियों की 127 से अधिक किस्मों को विकसित किया है इसके साथ-साथ सब्जियों की अनुमोदित किस्मों के प्रजनक बीज का उत्पादन भी किया जा रहा है। मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की व्यापक कमी को ध्यान में रखते हुए संस्थान द्वारा टमाटर, भिण्डी और लोबिया के लिए फसल समूह विशिष्ट सूक्ष्म पोषक तत्व (माइक्रोमिक्स ए, बी, सी और डी)  विकसित किये गये जिसके प्रयोग से मृदा सुधार एवं उत्पादन में काफी वृद्धि हो रही है। इस अवसर पर संस्थान के वैज्ञानिक डा. पी.एम. सिंह, डा. के.के. पाण्डेय, डा. आर.बी. यादव, डा. नीरज सिंह, डा. सुधाकर पाण्डेय एवं डा. नागेन्द्र राय आदि उपस्थित रहे।



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