रिपोर्ट-राकेश यादव रौशन
चन्दौली चहनियां लोकतंत्र रक्षक सेनानी और जन सरोकारों के प्रति समर्पित रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता यादवेंद्र यादव उर्फ सेचन यादव का आज इलाज के दौरान निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से मुगलसराय के एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे थे। इनके निधन के साथ ही जन आंदोलनों के एक युग का अंत हो गया।सेचन यादव की गिनती जिले के जमीनी पकड़ रखने वालों जनप्रिय लोगों में होती रही है। सकलडीहा पीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे। सकलडीहा के हर जन आंदोलन में वे बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते रहे। जनता की समस्याओं के निदान के लिए कई बार उन्होंने आमरण अनशन भी किया। लगातार 17 सैलून तक श्रीकृष्ण पूजा (करहा पूजा) करवाने का श्रेय भी सेचन यादव को जाता है। राजनीति में भी हाथ आजमाते हुए सपा और स्व. अमर सिंह की पार्टी लोकमंच के जिलाध्यक्ष भी रहे। चौधरी चरण सिंह से राजनीति का ककहरा भी सीखा। सुबह सकलडीहा कचहरी के पास और शाम को अलीनगर सकलडीहा त्रिमुहानी के पास अपनी अड़ी लगाकर लोगों की समस्याएं सुनते और उन्हें अपनी चाय पीए बिना जाने नहीं देते। आज सकलडीहा का चिर परिचित चेहरा हमेशा के लिए चिर निद्रा में शो गया। सेचन यादव के निधन की खबर से हर कोई मर्माहत था। उनकी शवयात्रा उनके पैतृक घर सकलडीहा बाज़ार से निकली, जिसमें पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, विभिन्न दलों के नेता सहित हजारों लोग शामिल थे। इनका अंतिम संस्कार आज बलुआ घाट पर किया गया। मुखाग्नि इनके ज्येष्ठ पुत्र दिनेश यादव ने दी।शव यात्रा में प्रमुख रूप से सकलडीहा विधायक पुत्र प्रभात यादव, सकलडीहा पीजी कॉलेज छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष सत्यप्रकाश यादव पुत्तुल, विकास यादव भरत, बृजेश यादव, कांग्रेस के प्रदेश महासचिव देवेंद्र सिंह मुन्ना, ग्राम प्रधान नागेपुर सुरेंद्र यादव, धर्मेंद्र यादव, धनंजय यादव, अरविंद पटवा, अजय सिंह राजपूत सहित हजारों लोग शामिल थे।

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